I wanted to do it from long time. This is from Anurag Kasyap's Movie 'Gulaal' composed and sung by Piyush Mishra. He had composed a new version of this popular song, in his own words that fits very well today. I searched the lyrics of this song on net but couldn't find anywhere. Finally while traveling to Lucknow last week I put it into words.
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजु-ऐ-कातिल में है ।
वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमा,
हम अभी से क्या बताएं, क्या हमारे दिल में है ।
देखना है जोर कितना बाजु-ऐ-कातिल में है ।
वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमा,
हम अभी से क्या बताएं, क्या हमारे दिल में है ।
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है ।
ओरे बिस्मिल काश आते आज तुम हिन्दोस्तान,
देखते की मुल्क सारा ए टशन में चिल में है ।
आज का लौंडा ये कहता हम तो बिस्मिल थक गये,
अपनी आज़ादी तो भैया लौंडिया के दिल में है ।
आज के जलसों में बिस्मिल एक गूंगा गा रहा,
और बहरो का वो रेला नाचता महफ़िल में है ।
हाथ की खादी बनाने का ज़माना लद गया,
आज तो चड्डी भी सिलती एंग्लिशो की मिल में है ।
देखना है जोर कितना बाजु-ऐ-कातिल में है ।
वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमा,
हम अभी से क्या बताएं, क्या हमारे दिल में है ।
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
--Hari.
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1 comment:
Very true Hari.
This is a very gud take on the present situation
-Dhananjay
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