Saturday, February 12, 2011

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

I wanted to do it from long time. This is from Anurag Kasyap's Movie 'Gulaal' composed and sung by Piyush Mishra. He had composed a new version of this popular song, in his own words that fits very well today. I searched the lyrics of this song on net but couldn't find anywhere. Finally while traveling to Lucknow last week I put it into words.

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाजु-ऐ-कातिल में है ।
वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमा,
हम
अभी से क्या बताएं, क्या हमारे दिल में है ।
देखना है जोर कितना बाजु-ऐ-कातिल में है ।
वक़्त
आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमा,

हम
अभी से क्या बताएं, क्या हमारे दिल में है ।

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है ।

ओरे
बिस्मिल काश आते आज तुम हिन्दोस्तान,

देखते की मुल्क सारा ए टशन में चिल में है ।
आज
का लौंडा ये कहता हम तो बिस्मिल थक गये,

अपनी
आज़ादी तो भैया लौंडिया के दिल में है ।

आज
के जलसों में बिस्मिल एक गूंगा गा रहा,

और
बहरो का वो रेला नाचता महफ़िल में है ।
हाथ की खादी बनाने का ज़माना लद गया,
आज
तो चड्डी भी सिलती एंग्लिशो की मिल में है ।

देखना
है जोर कितना बाजु-ऐ-कातिल में है ।

वक़्त
आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमा,

हम
अभी से क्या बताएं, क्या हमारे दिल में है ।

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

--Hari.

1 comment:

Dhananjay said...

Very true Hari.
This is a very gud take on the present situation
-Dhananjay